रुसबाई में जमाने गुजरे
गहराई में फसाने बिखरे,
वो बेशकीमती पल जो किसी की
जिन्दगी सवाँर सकते थे
रुठने और मनाने में गुजरे,
ऐतबार मेरा निशाना था
लफ्जों का कहाँ ठिकाना था,
रेशमी रिश्तों के खुबसुरती के पल
आपको झूठ बताने में गुजरे
मुझे यकीन जताने में गुजरे।
---- पत्तो की डायरी से
गहराई में फसाने बिखरे,
वो बेशकीमती पल जो किसी की
जिन्दगी सवाँर सकते थे
रुठने और मनाने में गुजरे,
ऐतबार मेरा निशाना था
लफ्जों का कहाँ ठिकाना था,
रेशमी रिश्तों के खुबसुरती के पल
आपको झूठ बताने में गुजरे
मुझे यकीन जताने में गुजरे।
---- पत्तो की डायरी से
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