दिल के टूटने का गम क्यों आखिर
आईने की तो फितरत है टूट जाने की
सिलसिला चलता रहा है ,कहानी चलती रहेगी
तुम्हारे रूठने की, मेरे मनाने की।
आईने की तो फितरत है टूट जाने की
सिलसिला चलता रहा है ,कहानी चलती रहेगी
तुम्हारे रूठने की, मेरे मनाने की।
गजल संग्रह- “तुम भी नहीं’’ ( गज़लकार - श्री अनिरुद्ध सिन्हा) पृष्ठ -104...
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