Friday, October 7, 2016



         मनुष्यता की भीतरी तह


 








 

शायद कैक्टस के रहस्य
थार के रेगिस्तान में मिल जाएँ……
तब तुम अपने व्यक्तित्व की ऊपरी परत को छूना……
उभर आएगी आँखों में
एक ही तरह के कई प्रतिबिम्ब
फिर छूना भीतरी तह…….
धो देना तब बरसों से
गले में अटकी फाँस को प्रतिभा चौहान

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