ऐ ज़िन्दगी संभल के चल
मुझे अपने चाँद से ये सवाल करना है
कि अपने लिए थोड़ी सी जगह नहीं तो न सही
पर कुछ ज़ज्वातों का ख्याल करना है
जो लम्हे रह गये अधूरे मुलाकातों के
उन लम्हों का तुझसे मलाल करना है।
---- पत्तो की डायरी से
मुझे अपने चाँद से ये सवाल करना है
कि अपने लिए थोड़ी सी जगह नहीं तो न सही
पर कुछ ज़ज्वातों का ख्याल करना है
जो लम्हे रह गये अधूरे मुलाकातों के
उन लम्हों का तुझसे मलाल करना है।
---- पत्तो की डायरी से
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